Meet Bros Ft. Jubin Nautiyal - Dil Galti Kar Baitha Hai

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- Дата релиза: 26 сентябрь 2021
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Meet Bros Ft. Jubin Nautiyal - Dil Galti Kar Baitha Hai
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Текст песни
नूर आँखों का तेरी जानलेवा है बड़ा
मुहब्बत तेरी मुझे अब जाने देगी कहाँ
नूर आँखों का तेरी जानलेवा है बड़ा
मुहब्बत तेरी मुझे अब जाने देगी कहाँ
फ़ितूर भरा है तेरा, नशा ये मुहब्बत का है
निकल के जाऊँगा मैं तेरी चंगुल से कहाँ?
दिल ग़लती कर बैठा है, ग़लती कर बैठा है दिल
आँखों में ये दिल डूबा, डूबा आँखों में ये दिल
दिल ग़लती कर बैठा है, ग़लती कर बैठा है दिल
आँखों में ये दिल डूबा, डूबा आँखों में ये दिल
प्रेम की गली में ना दिख जाना मुझ को (Aye)
प्यार है मेरा तू, धमका ना मुझ को (Aye)
ग़लती तेरी आजा समझाऊँ तुझ को (Aye)
आँखों देखा हाल बयाँ करूँ किसको? (Aye)
ग़लती मेरी भी थी, प्यार में था फ़िसला मैं
फ़िसल के आया जब मैं, ऐसी जगह निकला मैं
जाम था हाथों में, और बरफ़ लेने निकला मैं
क्योंकि मैं ऐसा ना था, तेरे हाथों सीख लिया मैं
इश्क़ का मारा हूँ, पागल हूँ, आवारा हूँ
देखने वालों को मैं दिखता बेचारा हूँ
रहता अकेला, और खुद का सहारा हूँ
उनको क्या पता किस-किस से मैं हारा हूँ (Aye)
ख़ता थी क्या मेरी? रजा थी क्या तेरी?
था इश्क़-ए-जुलम मुझ पे (मुझ पे)
तू मुझ से दूर गई, तू मुझ से दूर गई
ख़ता थी क्या मेरी? रजा थी क्या तेरी?
था इश्क़-ए-जुलम मुझ पे, तू मुझ से दूर गई
मैं तेरा आशिक़ था, अब हूँ मैं परवाना
मैं तेरा आशिक़ था, अब हूँ मैं परवाना
दिल ग़लती कर बैठा है, ग़लती कर बैठा है दिल
आँखों में ये दिल डूबा, डूबा आँखों में ये दिल
दिल ग़लती कर बैठा है, ग़लती कर बैठा है दिल
आँखों में ये दिल डूबा, डूबा आँखों में ये दिल
मुहब्बत तेरी मुझे अब जाने देगी कहाँ
नूर आँखों का तेरी जानलेवा है बड़ा
मुहब्बत तेरी मुझे अब जाने देगी कहाँ
फ़ितूर भरा है तेरा, नशा ये मुहब्बत का है
निकल के जाऊँगा मैं तेरी चंगुल से कहाँ?
दिल ग़लती कर बैठा है, ग़लती कर बैठा है दिल
आँखों में ये दिल डूबा, डूबा आँखों में ये दिल
दिल ग़लती कर बैठा है, ग़लती कर बैठा है दिल
आँखों में ये दिल डूबा, डूबा आँखों में ये दिल
प्रेम की गली में ना दिख जाना मुझ को (Aye)
प्यार है मेरा तू, धमका ना मुझ को (Aye)
ग़लती तेरी आजा समझाऊँ तुझ को (Aye)
आँखों देखा हाल बयाँ करूँ किसको? (Aye)
ग़लती मेरी भी थी, प्यार में था फ़िसला मैं
फ़िसल के आया जब मैं, ऐसी जगह निकला मैं
जाम था हाथों में, और बरफ़ लेने निकला मैं
क्योंकि मैं ऐसा ना था, तेरे हाथों सीख लिया मैं
इश्क़ का मारा हूँ, पागल हूँ, आवारा हूँ
देखने वालों को मैं दिखता बेचारा हूँ
रहता अकेला, और खुद का सहारा हूँ
उनको क्या पता किस-किस से मैं हारा हूँ (Aye)
ख़ता थी क्या मेरी? रजा थी क्या तेरी?
था इश्क़-ए-जुलम मुझ पे (मुझ पे)
तू मुझ से दूर गई, तू मुझ से दूर गई
ख़ता थी क्या मेरी? रजा थी क्या तेरी?
था इश्क़-ए-जुलम मुझ पे, तू मुझ से दूर गई
मैं तेरा आशिक़ था, अब हूँ मैं परवाना
मैं तेरा आशिक़ था, अब हूँ मैं परवाना
दिल ग़लती कर बैठा है, ग़लती कर बैठा है दिल
आँखों में ये दिल डूबा, डूबा आँखों में ये दिल
दिल ग़लती कर बैठा है, ग़लती कर बैठा है दिल
आँखों में ये दिल डूबा, डूबा आँखों में ये दिल